नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार को एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गया है, जहां आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लगातार 16 घंटे की लंबी और तीखी बहस होने जा रही है। सरकार की ओर से इस ऑपरेशन को ‘रणनीतिक सफलता’ बताया जा रहा है, वहीं विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए जवाबदेही की मांग की है। यह बहस न सिर्फ सैन्य और सुरक्षा मामलों पर केंद्रित होगी, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी गूंज पैदा करने वाली है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की हालिया सैन्य कार्रवाई है, जिसे सीमा पार की गई एक साहसी जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह ऑपरेशन कश्मीर सीमा पर हुई आतंकी गतिविधियों के जवाब में किया गया था। सेना द्वारा साझा की गई सीमित जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में भारत ने सटीक और सीमित लक्ष्यों पर हमला कर कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है।

संसद में कौन-कौन बोलेंगे आज?
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस विषय पर विस्तृत जानकारी देंगे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी बहस में भाग लेकर राजनयिक और रणनीतिक पहलुओं को रखेंगे।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी से डेरिक ओ’ब्रायन, एनसीपी की सुप्रिया सुले, और सपा नेता अखिलेश यादव प्रमुख वक्ता होंगे। ये नेता सरकार से स्पष्टीकरण, पारदर्शिता और केंद्रिय विधायिका को विश्वास में लेने की मांग करेंगे।
चर्चा क्यों है अहम?
- यह पहली बार है जब किसी सीमित सैन्य कार्रवाई पर 16 घंटे की संसदीय बहस हो रही है।
- विपक्ष इस मुद्दे को चुनावी लाभ लेने का प्रयास बता रहा है, वहीं सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता का मामला बता रही है।
- बहस के दौरान कुछ गोपनीय जानकारियां संसद में साझा की जा सकती हैं, जो अब तक आम जनता से छिपी हैं।
सुरक्षा और मीडिया की भूमिका भी होगी चर्चा में
इस बहस में मीडिया कवरेज, जनता की राय, और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को भी मुद्दा बनाया जा सकता है। कुछ विपक्षी नेताओं ने यह आरोप लगाया है कि ऑपरेशन को राजनीतिक रंग देने का प्रयास हो रहा है।
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