सावन सोमवार:
श्रावण मास, जिसे हम सावन कहते हैं, भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने के हर सोमवार को श्रद्धालु सावन सोमवार व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस व्रत से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सोमवार व्रत का महत्व:
- यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति और सौभाग्य की रक्षा के लिए रखती हैं।
- भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से घर में शांति, समृद्धि और सुख बना रहता है।
सावन सोमवार व्रत की विधि:
- प्रातः स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- घर या मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग की स्थापना करें।
- व्रत का संकल्प लें – “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के साथ।
- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, भस्म, भांग, धतूरा, चावल आदि चढ़ाएं।
- भगवान शिव के साथ माता पार्वती, नंदी और भगवान गणेश की पूजा भी करें।
- शिव चालीसा, रुद्राष्टक, और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- पूरे दिन व्रत रखें – एक समय फलाहार या निर्जल व्रत।

पूजा में उपयोगी सामग्री:
- गंगाजल
- बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)
- काले तिल
- भस्म
- धतूरा और भांग
- सफेद वस्त्र
- पुष्प, अक्षत, चंदन, दीपक
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
- व्रत के दिन शुद्ध और सात्विक भोजन लें।
- किसी की निंदा या झूठ बोलने से बचें।
- सोमवार को शिव मंदिर जाकर दर्शन जरूर करें।
- दिनभर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें।
क्या करें और क्या न करें:
करें | न करें |
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बेलपत्र को उल्टा न रखें | मांसाहार और शराब से दूर रहें |
व्रत में क्रोध न करें | बिना नहाए पूजा न करें |
शिवलिंग को जल चढ़ाते समय जल गिरने दें | पूजा के समय जूते-चप्पल न पहनें |
उपसंहार:
सावन के सोमवार का व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि जीवन को अनुशासित और सकारात्मक बनाता है। सच्ची श्रद्धा से किया गया यह व्रत शिव कृपा का मार्ग खोलता है।
जय भोलेनाथ! हर हर महादेव!
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