किराना हिल्स में पाकिस्तान ने छिपाए परमाणु हथियार? क्यों उठा सवाल, सेना ने अटैक के सवाल पर दिया यह जवाब

India’s Operation Sindoor: भारत की वायुसेना से सवाल पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान के किराना हिल्स पर हमला किया गया था, जहां कथित तौर पर पाकिस्तान के परमाणु हथियार हैं. जानिए क्या जवाब मिला.

India’s Operation Sindoor: क्या जब तनाव हद से अधिक बढ़ गया था, तब भारत ने पाकिस्तान के किराना हिल्स पर हमला किया था, जहां कथित तौर पर परमाणु हथियारों से जुड़ा सेंटर है? ऑपरेशन सिंदूर के पहले प्रहार के बाद जब दोनों देश युद्ध के कगार पर आते दिखें और दोनों तरफ से एक-दूसरे पर हमला किया गया तब भारत के सोशल मीडिया पर यह सवाल खूब उछला. भारत ने जैसे वॉरक्राफ्ट में अपनी श्रेष्ठता दिखाई थी, पाकिस्तान को पाकिस्तान के अंदर चोट पहुंचाई थी, लोगों को लगा कि क्या पता लाहौर की तरह किराना हिल्स पर भी भारत की मिसाइलें गिरी हों. लेकिन अब इसकी सच्चाई सामने आ गई है. 

यह पूछे जाने पर कि क्या किराना हिल्स पर हमला हुआ था, एयर ऑपरेशंस के डॉयरेक्टर जनरल एयर मार्शल एके भारती ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “हमें यह बताने के लिए शुक्रिया कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु इंस्टॉलेशंस हैं. हमें इसके बारे में नहीं पता था.” फिर इसके बाद उन्होंने संजीदगी से बताया, “हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, जो कुछ भी वहां है. मैंने कल अपनी ब्रीफिंग में इस बारे में जानकारी नहीं दी थी.”

तो सवाल है कि पाकिस्तान के इन पहाड़ियों यानी किराना हिल्स में आखिर है क्या. क्या सच में वहां पाकिस्तान ने परमाणु हथियार स्टोर किए हुए हैं.

आखिर यह सवाल सोशल मीडिया पर उठे क्यों?

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी. इसके बाद भारत ने 6 और 7 मई की दरमयानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के अंदर 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए. भारत ने साफ-साफ कहा कि उनके निशाने पर सिर्फ आतंकियों के कैंप थे और उसने पाकिस्तानी सेना और वहां की आम जनता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. लेकिन पाकिस्तान ने हिमाकत दिखाई और मोर्टार गोले, ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया. जवाबी हमले में, भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान के अंदर 11 सैन्य स्थलों पर हमला किया. इसमें से एक था रावलपिंडी के पास स्थित नूर खान मिलिट्री बेस. रावलपिंडी में ही पाकिस्तानी आर्मी का हेडक्वाटर है. 

नूर खान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करने वाली संस्था, स्ट्रैटिजिक प्लान्स डिवीजन के हेडक्वाटर के करीब है. अब इसके बाद आती है न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट जिसने खूब सुर्खियां बटोरीं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को करीब से जानने वाले एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा, “पाकिस्तान का सबसे गहरा डर है कि उसकी परमाणु कमांड ऑथोरिटी कहीं खत्म न हो जाए. जब नूर खान पर मिसाइल हमला हुआ तो उसको यह डर फिर हुआ… एक चेतावनी के रूप में कि भारत ऐसा कर सकता है.”

माना जा रहा है कि नूर खान और सरगोधा पर अटैक करके भारत ने पाकिस्तान को यह दिखाने की कोशिश की कि अगर सचमुच एक्विव वॉर यानी बडे़ स्तर का युद्ध शुरू होता है और हिंसा बढ़ती है तो ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जखीर को बेअसर करने की क्षमता भारत में है.

सचमुच किराना हिल्स में पाकिस्तान ने परमाणु हथियार छिपा रखे हैं?

पाकिस्तान के लिए किराना हिल्स का लोकेशन बड़ा रणनीतिक माना जाता है. किराना हिल्स पाकिस्तान के सरगोधा एयरपोर्ट से सड़क के रास्ते केवल 20 किमी और कुशाब न्यूक्लियर प्लांट से 75 किमी दूर है. वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन ने अपनी एक रिपोर्ट (जिसे फरवरी 2025 में अपडेट किया गया) में लिखा कि इस्लामाबाद से 200 किमी दक्षिण में खुशाब में, हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम के उत्पादन के लिए समर्पित चार भारी जल (हेवी वाटर) रिएक्टर हैं.

किराना हिल्स में पाकिस्तान आर्मी ने जो फैसिलिटी बना रखी है, उसको कई लेयर वाली रक्षा प्रणाली के साथ डिजाइन किया गया है. माना जाता है कि यहीं पर पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर वॉरहेड यानी परमाणु हथियार छिपा रखे हैं. चूंकि पाकिस्तान के लिए यह स्टेट सिक्रेट है, इसलिए वो कभी इस बात को जाहिर नहीं होने देगा और हो सकता है पूरी तरह से दुनिया को गुमराह करने के लिए उसने खुद यह अफवाह फैलाई हो. भारतीय वायुसेना ने भी कम से कम दुनिया के सामने कहा है कि उसे नहीं पता कि किराना हिल्स में पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों का स्टोरेज बना रखा है या नहीं. 

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