जस्टिस बीआर गवई के वे पांच फैसले जिनका हुआ सीधा असर, नोटबंदी से लेकर बुलजोडर न्याय तक

राष्ट्रपति ने अगले CJI के तौर पर गवई के नाम पर मुहर लगा दी है. वे 14 मई को शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल 6 महीने 10 दिन का होगा.

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. राष्ट्रपति ने अगले CJI के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगा दी है. वे 14 मई को शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल 6 महीने 10 दिन का होगा. वह 23 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे. जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित CJI होंगे. सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर होंगे. जस्टिस गवई मई 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जस्टिस बीआर गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को हुआ था. वह  14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट जज बने थे.  

कई अहम संवैधानिक फैसलों में रहे शामिल  

जस्टिस गवाई पांच जजों की संविधान पीठ का हिस्सा थे,  जिसने दिसंबर 2023 में  जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद  370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को  बरकरार रखा था. वो राजनीतिक फंडिंग के लिए चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने वाली पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल थे.

जस्टिस गवई पांच जजों वाली उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 4:1 के बहुमत से केंद्र के 2016 के नोटबंदी  के फैसले को बरकरार रखा था. जस्टिस गवई सात जजों की संविधान पीठ में भी थे, जिसने 6:1 के बहुमत से यह माना था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है.

मौलिक अधिकारों को लेकर मुखर रहे हैं जस्टिस भूषण गवई 

– जस्टिस गवई की पीठ ने बुलडोजर जस्टिस को लेकर एक बड़ा फैसला दिया था .. महत्वपूर्ण फैसले में अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ‘कारण बताओ’ नोटिस दिए बिना किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए.

– प्रभावितों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए.
– कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी जिन्हें दो साल की सजा के बाद लोकसभा से अयोग्य करार दिया गया था.
– सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ को जमानत दी.
– दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दी. 
– दिल्ली शराब घोटाले में BRS नेता के कविता को भी जमानत दी. 


ग्रीन बेंच की अगुवाई कर रहे हैं जस्टिस गवई 

जस्टिस गवई पर्यावरण संबंधी मामलों को लेकर ग्रीन बेंच की अगुवाई भी कर रहे हैं. उन्होंने वनों और पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर कई कड़े और बड़े फैसले दिए हैं.

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