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IND vs ENG, 4th Test: ‘ये मैनचेस्टर नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे’..भारत के सामने ये हैं 5 बड़े चैलेंज

IND vs ENG, 4th Test: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर टेस्ट सीरीज का चौथा मैच खेला जाना है. इस टेस्ट मैच में भारत के सामने 5 बड़े चैलेंज हैं जिससे टीम इंडिया को निपटना होगा.

Top 5 big challenge in the 4th Test: भारत-इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर (Manchester Test) के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर टेस्ट सीरीज का चौथा मैच खेला जाना है.  यहां टीम इंडिया ने 89 वर्षों के टेस्ट इतिहास में कभी जीत दर्ज नहीं की है। इस बार मेहमान टीम यहां इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी. भारत ने साल 1936 से लेकर अब तक ओल्ड ट्रैफर्ड में कुल 9 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उसे चार मुकाबले गंवाने पड़े. वहीं, पांच मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए। अब क्या इस बार भारतीय टीम इतिहास रच पाएगा. इसके लिए भारत को हर हाल में बेहतर खेल दिखाना होगा. ऐसे में जानते हैं ऐसे पांच बड़े चैलेंज जो भारत के सामने हैं. 

खिलाड़ी चोटिल

भारत के सामने सबसे बड़ा चैलेंज उनके एक नहीं बल्कि 4 खिलाड़ी का चोटिल होना है. भारतीय ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी घुटने की चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बाकी मैचों से बाहर हो गए हैं जबकि चोटिल तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह चौथे टेस्ट के लिए चयन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.

इन खिलाड़ियों के अलावा पंत भी लॉर्ड्स टेस्ट मैच में चोटिल हुए थे, ऐसे में उनका विकेटकीपर के तौर पर खेलना मुश्किल है. लेकिन बतौर बल्लेबाज पंत मैनचेस्टर टेस्ट मैच का हिस्सा होंगे. इसके अलावा आकाश दीप भी चोटिल हैं. ग्रोइन की चोट से जूझ रहे आकाश दीप ने दूसरा और तीसरा टेस्ट खेला था लेकिन क्या आकाश दीप चौथा टेस्ट मैच खेलेंगे. इसको लेकर असमंजस  की स्थिति बनी हुई है. 

बुमराह के वर्कलोड को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. 

दूसरी ओर जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि इस तेज गेंदबाज के आखिरी दो टेस्ट मैचों में से केवल एक ही खेलने की उम्मीद है. वैसे सिराज ने अपडेट दिया है कि बुमराह सीरीज का चौथा और अहम टेस्ट मैच खेलेंगे.

इंग्लैंड के खिलाफ पहले और तीसरे टेस्ट मैच में खेलने के बाद बुमराह को आठ दिनों का ब्रेक मिला है। मैनचेस्टर में उनके खेलने की संभावना जताई जा रही है.

पिच और मौसम

भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच मैनचेस्टर में खेला जाएगा. यहां कि पिच की पहली तस्वीर सामने आई है.  पिच पर अच्छी घासी हरियाली दिख रही है. इसका सीधा सा मतलब है कि इंग्लैंड, भारत को तेज पिच पर उतारने की रणनीति बना रहा है.

साफ है कि मेजबानों ने सीरीज में अजेय बढ़त बनाने के लिए पेसरों के इर्द-गिर्द रणनीति बनाई है. ऐसे में भारत के बल्लेबाजों को इस पिच पर अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा.हेड कोच गौतम गंभीर और शुभमन गिल ने सोमवार को बहुत ही बारीकी से मैनचेस्टर की पिच का मुआयना किया है. 

प्लेइंग इलेवन में क्या होगा

खिलाड़ियों के चोटिल होने से अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि अहम मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन क्या होगा. क्या कुलदीप यादव को इस टेस्ट मैच में मौका मिलेगा. क्योंकि जिस तरह से पिच की तस्वीर सामने आई है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि पिच तेज गेंदबाजों को ज्यादा मौके देगी.

ऐसे में क्या भारतीय टीम के हेड कोच और कप्तान गुल, कुलदीप को अंतिम 11 में शामिल करने के लिए आगे आएंगे. कई दिग्गज पिछले मैचों से ही यादव को लगातार इलवेन में खिलाने की मांग कर रहे है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि पिच क्या असर दिखाने वाली है. भारत के सामने प्लेइंग इलेवन को लेकर सबसे बड़ा चैलेंज है. 

इंग्लैंड के जो रूट, हैरी ब्रूक और बेन स्टोक्स से बचकर 

भारत के सामने जो रूट सबसे बड़ा खतरा हैं, रूट का रिकॉर्ड मैनचेस्टर में शानदार रहा है. रूट ने इसी मैदान पर टेस्ट में अपनी सबसे बड़ी पारी 254 रन बनाए हैं. रूट ने साल 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में इस मैदान पर 254 रन की बेहतरीन पारी खेली थी, (Revisiting Joe Root’s 254 vs Pakistan in 2016 Manchester Test).

रूट ने अपनी विशाल पारी में 406 गेंद का सामना किया था. बता दें कि रूट ने मैनचेस्टर में अबतक कुल 11 मैच खेलते हुए 978 रन बना पाने में सफल रहे हैं जिसमें 7 अर्धशतक और एक दोहरा शतक है. रूट इस मैदान पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. रूट 22 रन बनाते ही इस मैदान पर 1000 रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज बन जाएंगे. 

मैनचेस्टर टेस्ट में मौसम भी बन सकता है विलेन

23 से 27 जुलाई  के बीच चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा. पहले दिन बारिश होने का अनुमान 59 प्रतिशत है तो वहीं, दूसरे दिन भी बारिश की संभावना 50 फीसदी से ज्यादा है. तीसरे दिन  25 प्रतिशत, चौथे दिन  58 प्रतिशत आसार  के आसार हैं. इसके अलावा आखिरी दिन बारिश की संभावना  58 प्रतिशत  है. यानी पांचों दिन बारिश होने का अनुमान है. ऐसे में भारत को बारिश को ध्यान में रखकर ही रणनीति बनानी होगी. 

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