नई दिल्ली, 26 जुलाई:
भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में लंबे समय से चली आ रही ठंडक अब पिघलती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुलाकात ने द्विपक्षीय संबंधों को नया मोड़ दे दिया है। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, व्यापारिक संबंध और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए, जिनमें लाइन ऑफ क्रेडिट, व्यापारिक वार्ता, और सीधी उड़ानों की बहाली प्रमुख हैं।
मोदी-मुइज्जू की मुलाकात: रिश्तों में आई नई गर्माहट
पिछले कुछ महीनों में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ अभियान और भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया था। लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है। मोदी और मुइज्जू की सकारात्मक बातचीत ने इस तनाव को काफी हद तक कम कर दिया है।
भारत देगा नई लाइन ऑफ क्रेडिट
भारत ने मालदीव को आर्थिक सहयोग के तहत एक नई लाइन ऑफ क्रेडिट देने का ऐलान किया है, जिससे वहां की बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं आगे बढ़ सकेंगी। इससे मालदीव को अपनी आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी और भारत को क्षेत्रीय स्थायित्व में योगदान देने का अवसर मिलेगा।
व्यापार को मिलेगी नई गति
दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नए व्यापार समझौतों पर चर्चा की। इसमें व्यापार की बाधाओं को कम करने, टैरिफ घटाने और निवेश के नए रास्ते खोलने की बात शामिल है। इससे भारतीय कंपनियों को मालदीव में नए अवसर मिल सकते हैं, जबकि मालदीव को भी भारतीय बाजार तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी।
सीधी उड़ानों की बहाली से बढ़ेगा संपर्क
भारत और मालदीव के बीच सीधी उड़ानों की बहाली पर भी सहमति बनी है। जल्द ही दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों से माले के लिए फिर से सीधी उड़ानें शुरू हो सकती हैं। इससे न सिर्फ टूरिज़्म को बल मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ और संबंध भी मजबूत होंगे।
मोदी-मुइज्जू की इस अहम मुलाकात से स्पष्ट है कि भारत और मालदीव एक बार फिर से साझेदारी की नई राह पर हैं। जहां पहले अविश्वास की धुंध थी, अब संवाद और सहयोग की किरणें दिख रही हैं। यह केवल कूटनीतिक सफलता नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में स्थायित्व और विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी है।
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