नई दिल्ली:
क्रिकेट की दुनिया में कई दिग्गज आए और गए, लेकिन दो नाम हमेशा चर्चा में रहते हैं — सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली। जहां तेंदुलकर का टेस्ट में 15,921 रनों का रिकॉर्ड आज भी अजेय नजर आता है, वहीं इंग्लैंड के जो रूट उस रिकॉर्ड के करीब पहुंचते दिख रहे हैं।
लेकिन एक अजीब सा समीकरण सामने आ रहा है — जो रूट को तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने से रोकने का सबसे बड़ा जरिया बनते जा रहे हैं विराट कोहली… और वो भी अपने खराब फॉर्म के कारण।
विराट कोहली की लंबी चुप्पी
विराट कोहली पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में अपनी लय से जूझ रहे हैं। एक समय था जब कोहली टेस्ट में शतक पर शतक जड़ते थे, और लग रहा था कि वो ही तेंदुलकर के करीब पहुंच सकते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनका बल्ला लगभग खामोश है।
उनका खराब फॉर्म न केवल भारतीय टीम को झटका देता है, बल्कि एक बड़ा मनोवैज्ञानिक असर भी छोड़ता है — इससे जो रूट जैसे खिलाड़ी को प्रेरणा मिलती है।
रूट की निरंतरता बनाम कोहली की गिरावट
जहां कोहली के खाते में अब भी 8,848 रन हैं और वो 35 की उम्र में हैं, वहीं जो रूट 33 की उम्र में 11,500 रन से ज्यादा बना चुके हैं और लगातार रन बना रहे हैं। अगर कोहली का फॉर्म यूं ही खराब रहा और वो जल्द संन्यास की ओर बढ़े, तो रूट के पास तेंदुलकर को पछाड़ने का पूरा मौका होगा।
क्रिकेट सिर्फ आंकड़े नहीं, जज्बात भी है
यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है। जब एक विराट कोहली मैदान पर संघर्ष करता है, तो लाखों फैन्स का दिल भी टूटता है। वहीं जो रूट का लगातार चमकता बल्ला भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को असहज कर देता है — क्योंकि कहीं न कहीं हर भारतीय चाहता है कि तेंदुलकर का रिकॉर्ड भारतीय हाथों में ही रहे।
क्या कोहली वापसी करेंगे?
कोहली के चाहने वालों को अब भी भरोसा है कि “किंग कोहली” जल्द लौटेगा। शायद एक और पर्पल पैच, एक और जुनून, और वो फिर से रन बनाना शुरू करें। क्योंकि अगर कोहली वापसी करते हैं, तो वो न केवल रूट की रफ्तार को चुनौती देंगे बल्कि तेंदुलकर के रिकॉर्ड की रक्षा भी करेंगे — एक गौरव की रक्षा।
यह क्रिकेट का अद्भुत पक्ष है — जहां एक खिलाड़ी की गिरावट, दूसरे की उड़ान बन जाती है। और फिलहाल, जो रूट की उड़ान को रोकने वाला कोई नहीं है, सिवाय एक विराट कोहली के… वो भी तब, जब वो खुद को फिर से विराट बना पाएं।
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